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भूकंप आने से पहले ही चिल्लायेगा आपका फ़ोन , बस एंड्रॉइड फोन में ऑन कर दें ये सेटिंग

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गूगल ने एक कमाल का फीचर पेश किया है जिसके जरिए भूकंप आने से पहले ही आपको पता चल जाएगा कि भूकंप आने वाला है। यह कैसे काम करेगा और इसे कैसे ऑन करना है, ये हम आपको यहां बता रहे हैं।

हाइलाइट्स

  • गूगल का नया खास फीचर
  • गूगल एंड्रॉइड अर्थक्वेक अलर्ट
  • कैसे करें ऑन, यहां जानें

how to enable earthquake mobile settings ?

भूकंप आने से पहले ही चिल्लायेगा आपका फ़ोन,

गूगल एक्सेलेरोमीटर की तरह आपके फोन में सेंसर का इस्तेमाल करता है जब एकसाथ कई मोबाइल के सेंसर हिलते हैं तब गूगल आपको भूकंप का अलार्म देता है जिससे आप सतर्क हो जाते हैं |

भूकंप आने से कुछ सेकंड पहले एंड्रॉइड आपको सचेत कर सकता है ताकि आप तेजी से सुरक्षा प्राप्त कर सकें। एंड्रॉइड भूकंप चेतावनी प्रणाली द्वारा संचालित, एंड्रॉइड डिवाइस मिनी-भूकंपमापी बन जाते हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल भूकंप पहचान नेटवर्क बनाते हैं। यदि झटके आते हैं, तो सिस्टम आपको सुरक्षा प्रदान करने के लिए सचेत कर सकता है।

भारत में एंड्रॉइड यूजर्स के लिए गूगल एक खास सिस्टम लाया है जिसके जरिए भूकंप के अलर्ट प्राप्त किए जा सकेंगे। यह सिस्टम भूकंप के लिए आपको पहले से चेतावनी देने के लिए एक्सेलेरोमीटर की तरह आपके फोन में सेंसर का इस्तेमाल करता है। एंड्रॉइड अर्थक्वेक अलर्ट सिस्टम दुनिया भर के कई देशों में पहले से ही मौजूद है। इस सिट्म के जरिए भूकंप शुरू होने से पहले ही चेतावनी दे दी जाती है। लेकिन Google अब इसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NSC) की सहायता से भारत में लाया जा रहा है।

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जानें कैसे करेगा काम:
Google का कहना है कि यह सिस्टम एक्सेलेरोमीटर को सिस्मोग्राफ के तौर पर इस्तेमाल करेगा और फोन को एक मिनी भूकंप डिटेक्टर में बदल देगा। जब आपका फोन चार्ज हो रहा हो और हिल न रहा हो, तो यह भूकंप के पहले संकेत को महसूस कर पाएगा। अगर कई फोन में एक ही समय भूकंप का अलर्ट आता है तो Google का सर्वर यह पता लगा सकता है कि भूकंप आ रहा है और यह कहां और कितना स्ट्रॉन्ग होगा।

Google का सर्वर आस-पास के फोन्स को अलर्ट भेजता है। इन्हें दो तरह से कैटेगराइज्ड किया जाता है। पहला है ‘सावधान रहें अलर्ट’ जो 4.5 या इससे ज्यादा तीव्र भूकंप के दौरान भेजा जाता है। दूसरा टेक एक्शन अलर्ट है जो 4.5 या इससे ज्यादा तीव्र भूकंप के दौरान भेजा जाता है।

बता दें कि अगर ज्यादा तेज भूकंप आता है तो यह डू नॉट डिस्टर्ब सेटिंग्स को बायपास करता है और स्क्रीन ऑन कर देता है। साथ ही तेज साउंज बाजाता है। इसमें यूजर्स को सिक्योरिटी के लिए कुछ अहम डिटेल्स उपलब्ध कराई जाती हैं।

Android Earthquake Alerts को कैसे ऑन करें:

  • फोन की सेटिंग्स में जाएं। फिर Safety & emergency पर टैप करें।
  • इसके बाद Earthquake alerts पर टैप करें।
  • अगर आपको Safety & emergency विकल्प न दिखे तो Location पर टैप कर Advanced पर जाएं। फिर Earthquake alerts पर टैप करें।
  • इसके बाद इस विकल्प को ऑन कर दें।
  • बैंक अकाउंट से पैसे निकल गए क्या करें?
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bhukamp se bachne ke upay

यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। तथापि बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें। यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है।


सन 2024 में भूकंप कब आएगा या आया था ?

2024 को नीदरलैंड के रिसर्चर फ्रेंक होगरबीट्स ने एक ट्वीट किया- ‘आज नहीं तो कल, जल्द ही तुर्किये, जॉर्डन, सीरिया और लेबनान क्षेत्र में 7.5 तीव्रता का भूकंप आएगा। ‘ इससे ठीक 2 दिन बाद 6 फरवरी को सुबह 4 बजे तुर्किये और सीरिया में 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया।

भारत में पहला भूकंप कब जाना गया?

देश में अब तक चार सौ साल के इतिहास में कई बड़े भूकंप आये, जिनमें सबसे बड़ा भूकंप 1737 में बंगाल में आया था, जिसमें करीब तीन लाख लोग मारे गये थे, लेकिन पहला भूकंप 1618 में मुंबई में आया था, जिसमें दो हजार लोग मारे गये थे, लेकिन उस जमाने में न तो मार्केली स्केल और न ही रिक्टर स्केल हुआ करता था.

भूकंप अब बार-बार क्यों आते हैं?

तेल के लिए फ्रैकिंग, बांध निर्माण, दोबारा भरे बिना गैस पंप करने जैसी ढांचागत गतिविधियों में खराब योजना के कारण मानव निर्मित भूकंप आम होते जा रहे हैं। 4. वैज्ञानिकों ने बढ़ते भूकंपों के लिए एक और कारण पृथ्वी का ठंडा होना बताया है

भूकंप के मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेटों का हिलना, ज्वालामुखी विस्फोट, भूमिगत विस्फोट, प्रेरित भूकंप (मानवीय गतिविधियाँ) आदि हैं। इनके अलावा, भूकंप कई भूवैज्ञानिक कारकों, प्राकृतिक घटनाओं और मानव गतिविधि के कारण हो सकते हैं।

भारत में सबसे ज्यादा भूकंप कहाँ पर आता है?

भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था। दिल्ली-एनसीआर में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। क्योंकि ये इलाका भूकंप के चौथे जोन में आता है। इसके अलावा भूकंप के लिहाज से देश के सबसे खतरनाक इलाकों में गुजरात का कच्छ, उत्तरांचल का कुछ हिस्सा और पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्य शामिल हैं

ऐसा कौनसा देश है जहाँ कभी भी भूकम्प नहीं आया है?

Australia ऐसा देश है । जो भूकंपो से मुक्त है। इसकी कोई गारंटी नहीं है जो कही भी आ सकती हैं जो किसी देश और सरकार से उसको परमिशन लेकर नही आना है तो पहाड़ी इलाकों में खतरा बना हुआ रहता है तो उसी इलाके में ज्यादा आती हैं जो धरती के नीचे उसकी परत टूटती है और आपस में टकराती हैं तो उसी का असर धरती के उपर दिखाईं देती है जो सुनामी आई हुई थी अठराह साल पहले जिसकी चपेट में ग्यारह देश आए हुए थे जिसके ज़ख्म कितनो को आज तक भरे नही है तो सब इस मिट्टी का खेल का एक हिस्सा है जो सबकुछ इसी मिट्टी से पैदा हो रही है और अपना कला करते हुए इसी मिट्टी का एक मात्र हिस्सा बनकर रह जाते है जो धरती अपना बैलेंस बनाकर चलती है जो इंसान इसको बहुत डिश बैलेंस कर चुकी है तो उसी की भरपाई करनी शुरू कर चुकी है जिसको इंसानी भाषा में भूकंप कहते है जो कभी भी कही भी आ सकती हैं।

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