आंखों के लिए कौन सा विटामिन जरूरी है चलिए जानते हैं
आज के आधुनिक जिंदगी में आँखों पर बहुत स्ट्रेस पड़ता है हम लोग दिन में 8 से 12 घंटे मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर और लैपटॉप के स्क्रीन पर आंखे लगाए रहते हैं इसलिए आँखों के लिए पर्याप्त विटामिन खाते रहना चाहिए |
आंखों के स्वास्थ्य के लिए 5 सर्वश्रेष्ठ विटामिन और उनके प्राकृतिक स्रोत
आंखों के लिए विटामिन A
विटामिन A आंखों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, यह रैटिना के नेत्रीय अधिकांश के लिए आवश्यक होता है। यह रैटिना की सही फ़ंक्शनिंग के लिए आवश्यक है, जो कि रोशनी को अच्छी तरह से पकड़ने में मदद करता है। प्राकृतिक स्रोतों में गाजर, स्पिनेच, अंगूर, मेवा, मक्खन, आदि शामिल हैं।
आंखों के लिए विटामिन C
विटामिन C में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो नेत्रीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और मानसिक तनाव को कम कर सकते हैं। प्राकृतिक स्रोतों में आम, नारंगी, स्ट्रॉबेरी, ग्वावा, बेलपेपर, ब्रोकोली, गोभी, आदि शामिल हैं।
आंखों के लिए विटामिन E
विटामिन E भी आंखों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है, यह आंखों को नुकसान से बचाने और उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करता है। प्राकृतिक स्रोतों में अखरोट, बादाम, मक्खन, बीज, और तिल शामिल हैं।
आंखों के लिए एंटीऑक्सिडेंट्स
कारोटेनोयड एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो आंखों की मेज़ाबानी में मदद करते हैं और आंखों को नुकसान से बचाते हैं। प्राकृतिक स्रोतों में पालक, मटर, मक्खन, मीठा कटहल, आदि शामिल हैं। कैरोटीनॉयड, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पिगमेंट का एक वर्ग है. ये पौधों, शैवाल, और प्रकाश संश्लेषक में पाए जाते हैं. कैरोटीनॉयड, पीले, नारंगी, और लाल रंग के होते हैं
आंखों के लिए जिंक
जिंक भी आंखों के लिए आवश्यक होता है, यह रेटिना की उत्पत्ति और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक स्रोतों में मछली, मांस, अंडे, दाल, और बीयर शामिल हैं।
आंखों के लिए जरूरी विटामिन के प्रभाव – vitamins for eyes in hindi
विटामिन ए
- आंखों की दृष्टि को अच्छा रखने में विटामिन ए का बहुत बड़ा योगदान होता है.
- विटामिन ए हमारी आंखों की बाहर वाली कवरिंग – कॉर्निया को साफ रखने में मदद करते है.
- यह रोहडोपसिन नाम के प्रोटीन तत्व से भरपूर होता है जिसकी मदद से आंखों को कम रोशनी में देखने में मदद मिलती है.
- विटामिन ए की कमी होने पर गंभीर स्वास्थ समस्या का रिस्क रहता है. जिसमें से एक अंधापन है.
- इसकी कमी रहने से आंखों में सूखापन रहता है जिसके लंबे समय तक रहने पर कॉर्निया सॉफ्ट हो जाता है और अंधापन होने लगता है.
- नियमित विटामिन ए की डाइट लेने से आंखों की दूसरी समस्याओं से भी बचा जा सकता है.
- आंखों के स्वास्थ के लिए विटामिन ए फ़ू़ड्स खाने चाहिए जिसमें शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, कद्दू के बीज आदि शामिल है.
विटामिन बी6, बी9 और बी12
- रिसर्च करने वाले लोगों द्वारा आंखों की हेल्थ पर बी-विटामिन (बी6, बी9, बी12) के कई प्रभाव देखे गए है.
- विटामिन के यह प्रकार शरीर में इंफ्लामेशन के कारण वाले तत्वों को कम करते है.
- इसके लिए विटामिन बी की अच्छी मात्रा वाले फ़ूड्स खाने चाहिए.
विटामिन सी
विटामिन ई की ही तरह विटामिन सी भी हमारी आंखों के लिए बहुत जरूरी एंटीऑक्सीडेंट होता है जो इन्हें मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है.
- विटामिन सी की जरूरत कोलेजन बनाने के लिए होती है जो एक प्रकार का प्रोटीन होती है.
- कोलेजन की जरूरत आंखों में कॉर्निया और आंखों के सफेद भाग की संरचना के लिए होता है.
- कुछ अध्ययनों के अनुसार, विटामिन सी हमारे आंखों में मोतियाबिंद के रिस्क को कम करता है.
- मोतियाबिंद एक ऐसी कंडीशन है जिसके कारण आंखें में क्लाउडी और दृष्टि की समस्या हो जाती है.
- हाई मात्रा में विटामिन सी फ़ूड्स खाने से आंखों की समस्या का रिस्क कम किया जा सकता है.
इसके लिए सिट्रस और ट्रॉपिकल फ्रूट्स समेत मिर्च, ब्रोकोली, काले आदि अच्छे विटामिन सी विकल्प है.
विटामिन ई
- ऐसा माना जाता है कि काफी सारी कंडीशन ऑक्सीडेटिव तनाव से जुड़ी होती है.
- ऑक्सीडेटिव तनाव हमारे शरीर में होने वाला एंटीऑक्सीडेंट और फ्री रेडिकल्स के बीच का असंतुलन है.
- विटामिन ई अपने आप में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो सेल्स को नुकसान होने से बचाता है.
- इसके अलावा विटामिन ई फ़ूड्स की डाइट लेने से आयु संबंधी मोतियाबिंद की समस्या से बचाव होता है.
- सही विटामिन ई डाइट लेने से आंखों की हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिलती है.
- विटामिन ई के ऑप्शन में नट्स, बीज और कुकिंग ऑयल शामिल है.
- एवोकाडो समेत हरी सब्जियां इसकी अच्छी सोर्स होती है.
कौन सा फल खाने से आंखों की रोशनी तेज होती है?
संतरा, आड़ू, गाजर, कीवी, पपीता. पपीते में विटामिन-ए और सी खाने से आंखों की रोशनी तेज होती है |
आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए क्या खाना चाहिए?
गाजर और संतरे संतरे, फल और सब्जियां में बीटा-कैरोटीन पाया जाता हैं।आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए गाजर और संतरे दोनों का ही सेवन करना चाहिए ये विटामिन ए से भरपूर होते हैं और विटामिन सी से भी भरपूर होते हैं। विटामिन ए रतौंधी, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, मैकुलर जेनरेशन जैसी समस्याओं से निपटता है।
आंखों में मोतियाबिंद क्यों होता है?
आँखों के प्राकृतिक पारदर्शी लेंस के सफ़ेद हो जाने को ही मोतियाबिंद कहते हैं -मोतियाबिंद मतलब मोती जैसा सफ़ेद बिंदु ।आँख का lens पारदर्शी प्रोटीन /collagen के असंख्य महीन FIBRES से बना होता है ,जैसे जैसे यह fibres धुंधले होते जाते है निगाह कम होती जाती है ।यह आँख का एक diagram है जो यह दिखाता है कि एक अच्छी नज़र के लिए cornea,lens,vitreous chamber सब पारदर्शी होने चाहिए और रेटिना भी स्वस्थ होना चाहिए
कौन सी सब्जी खाने से आंखों की रौशनी बढ़ती है?
शकरकंद सब्जी खाने से आंखों की रौशनी बढ़ती है और साथ ही साथ आपको बटरनट स्क्वैश, पालक, खुबानी, खरबूजा और ग्रीन सब्जियां खाना चाहिए जिससे आपको पर्याप्त बीटा कैरोटीन मिल सके |
मोतियाबिंद के सफ़ेद हो जाने के मुख्य कारण है
१-उम्र -५५-६० वर्ष की उम्र के आसपास से यह धुँधले होने शुरू हो जाते हैं ,जब कम fibresसफ़ेद होते हैं तो इसको कच्चा मोतियाबिंद कहते हैं और जब लगभग सारे fibres सफ़ेद हो जाते हैं इसको पका मोतियाबिंद कहा जाता है । यह वृद्धावस्था में आमतौर पर देखा जाता है। जब आपकी उम्र बढ़ती है, तो लेंस में पारदर्शी कोशिकाएं ढीली होती हैं और धुंधलापन होता है।
२-चोट-नुकीली वस्तु जैसे pen,pencil,सुई ,कील ,की चोट से penetrating injuryसे लेंस के FIBRES damage हो कर सफ़ेद हो जाते हैं ।आँखों का blunt trauma भी मोतियाबिंद कर सकता है, कभी-कभी आंखों में घाव, चोट, या आंख के ऑपरेशन के कारण भी मोतियाबिंद हो सकती है।
३-बीमारियाँ -डाइअबीटीज़ और कुछ और metabolic syndromes भी मोतियाबिंद कर सकते हैं ।
४- दवाईयाँ -steroids -oral or Eyedrops /Painkillers
५-कुपोषण /बिजली का current/alcoholism
अनियमित जीवनशैली: तंबाकू उपयोग, अधिक मात्रा में शराब पीना, अशुद्ध आहार, अवसाद, उच्च रक्तचाप, दीब्बे का बार-बार उठाना, बुरी आंख की देखभाल के अभाव, या यूवी रेडिएशन जैसे कारकों से भी मोतियाबिंद हो सकती है।
मोतियाबिंद कितने प्रकार के होते हैं?
मोतियाबिंद कई तरह के होते हैं:
- न्यूक्लियर मोतियाबिंद : यह मोतियाबिंद आंख के लेंस के केंद्र में बनता है. यह सबसे आम प्रकार का मोतियाबिंद है और 40 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों में पाया जाता है.
- कॉर्टिकल मोतियाबिंद : यह मोतियाबिंद लेंस के किनारे पर बनता है. इसमें पच्चर के आकार की अपारदर्शिताएं होती हैं. इससे प्रकाश की चकाचौंध ज़्यादा होती है, जिससे रात में गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है.
- पोस्टीरियर कैप्सूलर मोतियाबिंद : यह मोतियाबिंद लेंस के पीछे बनता है और नुक्लियर या कॉर्टिकल मोतियाबिंद की तुलना में तेज़ी से विकसित होता है.
- जन्मजात मोतियाबिंद : यह मोतियाबिंद जन्म के समय मौजूद होता है या जन्म के पहले साल में विकसित हो जाता है.
- द्वितीयक मोतियाबिंद : यह मोतियाबिंद रोग या दवाओं की वजह से होता है.
- अभिघातजन्य मोतियाबिंद : यह मोतियाबिंद आंख में चोट लगने के बाद होता है.
- विकिरण मोतियाबिंद : यह मोतियाबिंद कैंसर के इलाज के लिए विकिरण उपचार लेने के बाद होता है.
मोतियाबिंद को इंग्लिश या अंग्रेजी में क्या कहते हैं
मोतियाबिंद को इंग्लिश या अंग्रेजी में कैटरेक्ट और हिंदी में मोतियाबिंद कहते हैं. जब आंख का प्राकृतिक लेंस अपारदर्शी हो जाये तो उसे इंग्लिश में कैटरेक्ट और हिंदी में मोतियाबिंद कहते हैं.
मोतियाबिंद का लेंस कितने का आता है?
मोतियाबिंद का लेंस मुख्यता 4 प्रकार के होते हैं हाइड्रोफिलिक आईओएल लेंस जो की 5000 से 10,000 रुपये तक में मिल जाते हैं | एस्फेरिक आईओएल लेंस 10,000 रुपये से लेकर 15000 रपये तक लग जाते हैं | मल्टीफोकल आईओएल लेंस 15000 से 30,000 रुपये तक में लग जाते हैं और टॉरिक मोनोफोकल आईओएल लेंस 35,000 रुपये से लेकर 70000 रुपये में मिल जाते हैं |
मोतियाबिंद का पकना क्या होता है ?
जब आँखों के अंदर भरे हुए द्रव्य सफ़ेद होने लग जाते हैं तो उसे मोतियाबिंद कहते हैं और ये जब पूरी तरह से सफ़ेद पड़ जाते हैं तो उसे मोतियाबिंद का पकना कहा जाता है इसे तुरंत ही ओप्रशन से हटा लेंस डलवा लेना चाहिए |