सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है

सर्वाइकल कैंसर क्या होता है ?

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सर्वाइकल क्या होता है ?

सबसे पहले आपको ये जानना होगा की सर्वाइकल दो प्रकार के होते हैं एक जिसे हम सर्वाइकल कैंसर कहते हैं वो लड़कियों के योनि या जननांग में होता है | दूसरा होता है अचानक से चक्कर आना जिसे आम बोल चल की भाषा में सर्वाइकल ही बोला जाता है |

दूसरे सर्वाइकल की कारण होता है कमर के ऊपर सिर के निचे लगभग गर्दन के आस पास पिछले भाग में कोई एक नस जो मस्तिष्क में खून का प्रवाह करती है उसमे खून ज़माने लगता है जिससे चक्कर आने लगते हैं |

सर्वाइकल कैंसर क्या होता है ?

सर्वाइकल कैंसर नाम से ही स्पष्ट है कि गर्भाशय के मुख वाले भाग जिसे सर्विक्स कहते हैं , वहाँ होने वाला कैंसर है !

इसका मुख्य कारण ह्यूमन हर्पीज़ वायरस १६ और १८ वेरियेंट्स को माना गया है , जो एक नियोप्लास्टिक प्रोटीन लेटेंट मेम्ब्रेन प्रोटीन स्रावित करते हैं जो सर्विक्स के लाइनिंग में स्थित कोशिकाओं के झिल्ली में जुड़ जाती है , कई ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर पाथवे को सक्रिय करती है और अंततः अनियंत्रित एपिथिलियल ग्रोथ को बढ़ावा देती है ।

सर्वाइकल कैंसर उन कैंसर में से एक है जिसके विरुद्ध वैक्सीन उपलब्ध है जिन्हें गार्डासील और सेरावेरिक्स कहते हैं , ९ से ४o साल की महिलाओं या पुरुषों को भी को यह वैक्सीन लगाई जा सकती है , इसे लेने के लिए नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सक से संपर्क करें ! ख़ुद से न लें !

कृप्या किसी चिकित्सा से जुड़े उत्तर पर अनावश्यक टिप्पणी करने से पहले यह देख लें कि जानकारी पुख़्ता है या नहीं , प्रश्न हमेशा पूछे जा सकते हैं पर एक्सपर्ट ओपिनियन की ज़रूरत नहीं है ! 🤣

 सर्वाइकल कैंसर के लक्षण जैसे माहवारी के अलावा ब्लीडिंग, पेल्विक एरिया में दर्द , सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द , माहवारी के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग के साथ ही थकान , उल्टी की फ़ीलिंग इत्यादि होने पर एक सरल टेस्ट होता है !

इस टेस्ट को पैप स्मियर बोलते हैं , जो लगभग ५ मिनट का प्रोसीजर है और रिज़ल्ट भी लगभग १-२ दिन में मिल जाते हैं !

यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जो सर्वाइकल कैंसर को जल्दी पहचान करने के लिए होता है , इसे नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में जा कर करवाया जा सकता है !

सर्वाइकल कैंसर जल्द पकड़ में आ जाने पर बहुत आसानी से क्योर हो सकता है , इसलिए इस सरल पैप स्मियर टेस्ट करवाने में झिझक नहीं होनी चाहिए !

सर्वाइकल कैंसर किसे कहा जाता है ?

सर्वाइकल कैंसर को आम भाषा में गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर कहा जाता है। गर्भाशय ग्रीवा महिलाओं में गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है।

ज्यादातर मामलों में इस कैंसर का कारण एचपीवी वायरस होता है, जो यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है। शुरुआती दौर में अगर इस बीमारी का पता चल जाये तो इसका इलाज किया जा सकता है।

सर्वाइकल के लक्षण क्या होते हैं?

सर्वाइकल के लक्षण क्या होते हैं एक नजर डालें इसके लक्षणों पर

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • यौन संबंध बनाने के दौरान दर्द होना
  • अनियमित माहवारी
  • माहवारी के दौरान भारी रक्तस्त्राव
  • वेजाइनल डिस्चार्ज
  • मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होना
  • थकावट
  • वजन घटना

इन लक्षणों के नजर आने पर महिलाओं को तुरंत अपनी जाँच करानी चाहिये। विशेषज्ञों की मानें तो 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में इस कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

इसीलिए, 35 साल के बाद महिलाओं को नियमित रूप से जाँच करानी चाहिये, ताकि सही समय पर इस कैंसर का पता लगाकर इलाज किया जा सके।

गर्भाशय ग्रीवा स्पोंडिलोसिस वाले अधिकांश लोगों में महत्वपूर्ण लक्षण नहीं होते हैं। यदि लक्षण होते हैं, तो वे हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं और धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं या अचानक हो सकते हैं। एक सामान्य लक्षण कंधे के ब्लेड के आसपास दर्द है। कुछ को हाथ और उंगलियों में दर्द की शिकायत है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के इलाज क्या हैं?

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के इलाज के लिए कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. दवाएं: आपके चिकित्सक द्वारा सिफारिश की गई दवाएं दर्द और संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। इनमें गैबापेंटिन, प्रेगाबालिन, एन्टी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं, मस्तिष्क संबंधी दवाएं और स्टेरॉयड्स शामिल हो सकती हैं।
  2. व्यायाम और योग: नियमित व्यायाम और योग आपकी स्पाइनल स्थिरता और कठिनाइयों को कम करने में मदद कर सकते हैं। सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लिए संबंधित योगासनों में उठता हुआ भूजंगासन, शलभासन, पवनमुक्तासन, उष्ट्रासन, त्रिकोणासन, सेतुबंधासन आदि शामिल हो सकते हैं।
  3. उचित आहार: स्वस्थ और पौष्टिक आहार सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लिए महत्वपूर्ण है। हरे-भरे सब्जियां, फल, अण्डे, दूध, दही, दूध के उत्पाद, सफेद मांस, अखरोट, बादाम, गेहूं के जीरे, तिल, आदि पोषक तत्वों को शामिल करें। विटामिन D की कमी को भी पूरा करना महत्वपूर्ण है, इसलिए सूरज की किरणों का नियमित अवशोषण करें और विटामिन D सप्लीमेंट्स का उपयोग करें।
  4. दिनचर्या बदलाव: ठंड, भरी वस्त्र, बुरी आदतों और गलत पोषण के कारण स्थायी रूप से बढ़े हुए सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। उच्च बैकरेस्ट वाले स्थानक, सही आसन में सोना, ठंड से बचाव, सही पोषण आदि उपायों को अपनाएं।
  5. चिकित्सा उपचार: कुछ गंभीर मामलों में, चिकित्सा उपचार के लिए आपके चिकित्सक द्वारा सिफारिश की गई और विशेषज्ञ द्वारा प्रदान की जाने वाली उपचार पद्धतियों का उपयोग किया जा सकता है। इसमें इंजेक्शन थेरेपी, प्रोलोथेरेपी, कारगी, ऑपरेशन, ब्रेस्ट कॉलर आदि शामिल हो सकते हैं।

सर्विक्स क्या है?

गर्भाशय या गर्भाशय का निचला हिस्सा, जहां योनि समाप्त होती है और गर्भाशय शुरू होता है उसे ही सर्वाइकल कहते हैं। यहीं से शुक्राणु गर्भाशय से होकर गुजरते हैं और वहां से फैलोपियन ट्यूब में पहुंच जाते हैं जहां शुक्राणु अंडा से जुड़ जाता है और जाईगोट बन जाता है। गर्भाशय ग्रीवा अर्थ सर्वाइकल का वो ट्यूमर जो फैलता जाए उसे ही कैंसर कहा जाता है।यह धीरे-धीरे बढ़ने वाला कैंसर है जिसमें पहले चरण में गर्भाशय ग्रीवा का आकार बिगड़ जाता है। इसके चार चरण होते हैं। किसी भी स्तर पर इलाज शुरू करने से मरीज की जान बचाई जा सकती है।

महिलाओं के शरीर की यह चौथी सबसे बड़ी जगह है जहां कैंसर ज्यादा देखने को मिलता है

दुनिया भर में हर साल इस कैंसर के 570,000 नए मामले सामने आते हैं, जबकि हर साल 311,000 मौतें इसी कैंसर से हो जाती हैं।

कारण:

90% मामलों में,इस प्रकार के कैंसर का कारण एच पी वी नामक वायरस पाया गया है। यह वही वायरस है जो आपकी त्वचा पर मस्से का कारण बनता है।और इस वायरस की वजह पुरुष या महिला का एक से अधिक संभोग पार्टनर रखना है। महिलाओं में ध्रुमपान की गलत आदत इत्यादि

इलाज :

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के काढ़ा और परहेज रख कर हर चरण में फायदा उठाया जा सकता है। मैंने कई पेसेंट को अपने काढ़ा से ठीक किया है ।और दस सालों से मैं ये सेवा कर रहा हूं।

जहां तक मेडिकल का इलाज है वो इस प्रकार है

प्रारंभिक चरणों का इलाज कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, लेजर सर्जरी और इलेक्ट्रोथेरेपी से किया जा सकता है, जबकि तीसरे और चौथे चरण में, गर्भाशय का सर्जिकल निष्कासन ही एकमात्र उपचार है।


क्या सर्वाइकल कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है?

सर्वाइकल कैंसर का शीघ्र पता चलने पर इसका प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। प्रारंभिक सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित अधिकांश महिलाएं ठीक हो जाती हैं ।


सर्वाइकल कैंसर टेस्ट कैसे होता है?

सर्वाइकल कैंसर टेस्ट को पैप स्मीयर भी कहा जाता है। पैप परीक्षण में गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का एक नमूना इकट्ठा किया जाता है, पैप परीक्षण को एचपीवी परीक्षण के साथ जोड़ा जा सकता है।


सर्वाइकल कैंसर की लास्ट स्टेज में क्या होता है?

स्टेज 4 का मतलब है कि कैंसर मूत्राशय या पीछे के मार्ग (मलाशय) या उससे भी दूर तक फैल गया है। उपचार में कीमोरेडियोथेरेपी, सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, एक लक्षित कैंसर दवा और एक इम्यूनोथेरेपी दवा शामिल हो सकती है।

सर्वाइकल कैंसर का टीका price

सर्वाइकल कैंसर का टीका लगवाने के लिए आपको प्राइवेट हॉस्पिटल में एचपीवी वैक्सीन की एक डोज की कीमत करीब 2000 रुपये तक पड़ती है , सर्वाइकल कैंसर इंपोर्टेड वैक्सीन का प्राइस 3500 रुपये तक हो सकती है


सर्वाइकल कैंसर का टीका कब लगता है?

सर्वाइकल कैंसर के टीके के लिए सही उम्र क्या है ?

CDC के अनुसार सर्वाइकल कैंसर का टीका  11 या 12 वर्ष की आयु के बच्चों को 6 से 12 महीने के अंतराल पर दो सर्वाइकल कैंसर के टीके दिए जाते हैं लेकिन आप सर्वाइकल कैंसर का टीका 9 साल की उम्र में और 45 साल की उम्र में भी लगवा सकते हैं इसके लिए आपको डॉक्टर की परामर्श की जरुरत होगी |

female Reproductive system

दूसरे सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लक्षण और बचाव क्या हैं

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस (Cervical Spondylosis) एक प्रकार की स्पाइनल आंतरिक बीमारी है जिसमें गर्दन की हड्डी (सर्वाइकल स्पाइन) में उत्पन्न होने वाले परिवर्तनों से प्रभावित होती है। यह साधारणतः उम्रदर लोगों में देखी जाती है और वयस्कों के लिए सामान्य होती है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के इलाज के लिए कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. दवाएं: आपके चिकित्सक द्वारा सिफारिश की गई दवाएं दर्द और संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। इनमें गैबापेंटिन, प्रेगाबालिन, एन्टी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं, मस्तिष्क संबंधी दवाएं और स्टेरॉयड्स शामिल हो सकती हैं।
  2. व्यायाम और योग: नियमित रूप से सुबह कम से कम 2 किलोमीटर तेज चल में पैदल चलें , मोटापा काम करें , नियमित व्यायाम और योग आपकी स्पाइनल स्थिरता और कठिनाइयों को कम करने में मदद कर सकते हैं। सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लिए संबंधित योगासनों में उठता हुआ भूजंगासन, शलभासन, पवनमुक्तासन, उष्ट्रासन, त्रिकोणासन, सेतुबंधासन आदि शामिल हो सकते हैं।
  3. उचित आहार: स्वस्थ और पौष्टिक आहार सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लिए महत्वपूर्ण है। हरे-भरे सब्जियां, फल, अण्डे, दूध, दही, दूध के उत्पाद, सफेद मांस, अखरोट, बादाम, गेहूं के जीरे, तिल, आदि पोषक तत्वों को शामिल करें। विटामिन D की कमी को भी पूरा करना महत्वपूर्ण है, इसलिए सूरज की किरणों का नियमित अवशोषण करें और विटामिन D सप्लीमेंट्स का उपयोग करें।
  4. दिनचर्या बदलाव: ठंड, भरी वस्त्र, बुरी आदतों और गलत पोषण के कारण स्थायी रूप से बढ़े हुए सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। उच्च बैकरेस्ट वाले स्थानक, सही आसन में सोना, ठंड से बचाव, सही पोषण आदि उपायों को अपनाएं।
  5. चिकित्सा उपचार: कुछ गंभीर मामलों में, चिकित्सा उपचार के लिए आपके चिकित्सक द्वारा सिफारिश की गई और विशेषज्ञ द्वारा प्रदान की जाने वाली उपचार पद्धतियों का उपयोग किया जा सकता है। इसमें इंजेक्शन थेरेपी, प्रोलोथेरेपी, कारगी, ऑपरेशन, ब्रेस्ट कॉलर आदि शामिल हो सकते हैं।

इसके अलावा, सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के इलाज के लिए उपयोगी आदतें शामिल करें, जैसे कि सही बैठने का तरीका, बजाए रखने वाले बिछाने का उपयोग, सही तरीके से बजाने वाले हेडफोन का उपयोग, और अधिकांश समय बिताने का प्रयास करें।

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