flat foot kya hota hai

फ्लैट फुट वाले खिलाड़ियों को सेना में क्यों नहीं लिया जाता है?

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दुनिया में कोई भी सेना ऐसे किसी व्यक्ति को अपनी सेना में शामिल नहीं करती है जिसे सैन्य सेवा देते समय किसी शारिरिक या मानसिक परेशानी का सामना करना पड़े।

फ्लैटफुट से क्या समस्या है-

flat foot kya hota hai

इसमे पैर के “आर्च” वाला हिस्सा जो पंजों वाले उठाव के नीचे कर्व लिए हुए होता है, यह पंजे और एड़ी के बीच मे होता है, यदि यह सपाट हो तो फ्लैट फुट माना जाता है।

यह स्थिति ज्यादातर बचपन से ही हो जाती है कुछ मामलों में चोट लगने से भी पैर फ्लैट फुट हो जाता है।

इसमें पैरों के आर्च सही से विकसित नहीं होते। ज्यादातर ऐसे मामलों में दर्द जैसी कोई शिकायत नहीं होती, जिससे लोग इसे अनदेखा कर देते हैं।

सेना में शारीरिक कार्य, चढ़ाई, दौड़ना आदि होते हैं, इसमें यदि फ्लैट फुट वाले व्यक्ति सामान्य से अधिक मेहनत करते हैं तो उन्हें टखनों, घुटनों की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

अधिक मेहनत से टखनों के अंदर सूजन आ सकती है व रूमेटाइड अर्थराइटिस होने की सम्भावना रहती है।

इन्ही सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फ्लैट फुट वाले व्यक्तियों को सेना में सेवा देने का अवसर नहीं दिया जाता, क्योंकि सेना नहीं चाहती कि, कोई भी सैनिक सैन्य सेवा देते समय किसी शारीरिक या मानसिक समस्या का सामना करे।

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Flat foot kya hota hai ?

फ्लैट फुट एक प्रकार की शारीरिक बनावट होती है जिसमे आपके पैर के नीचे एड़ी से लेकर पंजे तक के बीच में कोई उतर चढ़ाव नहीं होता है जिसके कारण आपका पैर पृथ्वी पर चलते समय एक सामान समतल छाप छोड़ता है और आपके तलवे में कोई मोड़ नहीं होता है इस स्थिति को फ्लैट फुट कहा जाता है |

फ्लैटफुट वाले खिलाड़ियों को सेना में इसलिए नहीं लिया जाता है क्योंकि उनमें चोट लगने का खतरा अधिक होता है। फ्लैटफुट वाले लोगों में पैर के आर्च नहीं होता है। यह आर्च पैर को झटके से बचाने में मदद करता है। जब कोई व्यक्ति दौड़ता है या कूदता है, तो पैर के आर्च झटके को अवशोषित करते हैं। फ्लैटफुट वाले लोगों में यह झटका सीधे पैर के जोड़ों और मांसपेशियों पर पड़ता है, जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।

सेना में, सैनिकों को अक्सर लंबी दूरी तक चलना, दौड़ना और कूदना पड़ता है। फ्लैटफुट वाले लोगों के लिए यह कार्य करना मुश्किल और चोट लगने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, सेना में सैनिकों को अक्सर खराब मौसम और कठोर परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। फ्लैटफुट वाले लोगों के लिए इन परिस्थितियों में काम करना भी मुश्किल और चोट लगने का खतरा अधिक होता है।

दौड़ते समय आपका पैर धरती के संपर्क में आता है , ऐसे में धरती से झटके उत्पन्न होते है और इन उत्पन्न झटको को एडियों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता हैं । लेकिन समतल पैर में ऐसा नही होता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि समतल पैर जमीन के पूरे संपर्क में आते है , इस वजह से ये झटके सीधे पैर की हड्डियों और कमर तक जाते हैं और इन झटकों की वजह से आपके पैर या पैरों की हड्डी और कमर में दर्द की शिकायत हो सकती है।

बता दे की सेना में 10 से 20 किलोमीटर के मार्च होते है और समतल पैर वाले इन मार्च को निकाल पाने में सक्षम नहीं होंगे । इसके अलावा आर्मी में उबड़ खाबड़ जगहों पर चलना होता है , कूदना होता है और दौड़ना होता है और ऐसे में समतल पैर वाले का स्पाइनल डैमेज होन की संभावना बहुत ज्यादा होती है 

भारतीय सेना में, फ्लैटफुट वाले लोगों को भर्ती के लिए अयोग्य माना जाता है। सेना की भर्ती प्रक्रिया में, उम्मीदवारों को एक मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है। इस मेडिकल टेस्ट में, उम्मीदवारों के पैरों की जांच की जाती है। यदि किसी उम्मीदवार के पैर फ्लैट हैं, तो उसे भर्ती के लिए अयोग्य माना जाता है।

हालांकि, कुछ मामलों में, फ्लैटफुट वाले लोगों को सेना में भर्ती किया जा सकता है। यदि किसी उम्मीदवार के पैर फ्लैट हैं, लेकिन वह सेना की सेवा के लिए शारीरिक रूप से फिट है, तो उसे सेना में भर्ती किया जा सकता है। इस मामले में, उम्मीदवार को सेना में भर्ती होने के लिए एक विशेष मेडिकल बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है।

फ्लैट फुट होना एक बहुत बड़ी समस्या है।आपका चलना आपके द्वारा वेट ट्रांसफर पैर के पिछले हिस्से से अगले हिस्से की तरफ ,के कारण सम्भव हो पाता है। जिसके लिए आपके पैरों में आर्क बना होता है।फ्लैट फुट होने से,

  1. आप ज्यादा नहीं चल सकेंगे।
  2. आप जल्दी थकेंगे।
  3. आपके टखने जल्दी ही अंदर की तरफ मुड़ जायेंगे।
  4. रीढ़ की हड्डी भी डैमेज होगी

इन सभी समस्याओं से बचा जा सकता है अगर आपको बहुत कम चलना पड़े। खड़े खड़े कसरत करें काम करें।

फ्लैटफुट वाले खिलाड़ियों को सेना में लेने के पहले कई मामलों का मूल्यांकन किया जाता है। फ्लैटफुट एक पैर की विकृति हो सकती है जो पैर में धातुत्व में कमी के तथ्य के कारण हो सकती है।

दरअसल, सेना में कुछ कार्यों के लिए हमेशा एक उच्च स्तर की शारीरिक योग्यता आवश्यक होती है जो आपको कठिन भूमिका में भी निरंतरता के साथ प्रभावी रूप से काम करने की अनुमति देती है। फ्लैटफुट आपकी संतुलन, चाल, तालिका आदि पर दबाव डाल सकता है जो सेना में कठिनाईयों को उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, सेना कठिन स्थानों पर युद्ध और अन्य शारीरिक गतिविधियों के लिए फ्लैटफुट वाले खिलाड़ियों को लेने से बचती है।

flat foot kyu hota hai ?

लिगामेंट्स के टूटने से या बचपन से ही हड्डी कमजोर होने पर, विटामिन डी या कैल्सियम की कमी होने पर या अनुवांशिक होने पर हड्‌डियां एक-दूसरे से जकड़े रहने की बजाय शिथिल हो जाती हैं, जिससे तलवा चपटा हो जाता है जिसके वजह वे फ़्लैट फुट हो जाता है | इनके अलावा बचपन से मोटापा, पैरों या टखनों में चोट लगना, अनुवांशिक संरचना होना, आहार का संतुलित नहीं होना, डायबिटीज जैसे कारणों से भी फ्लैट फुट की समस्या हो जाती है।

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1 thought on “फ्लैट फुट वाले खिलाड़ियों को सेना में क्यों नहीं लिया जाता है?

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